shiv chalisa lyrics pdf - An Overview
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई